Monday, 20 October 2008

जवाब के इंतज़ार में कुछ सवाल....

मुंबई में उत्तर भारतीय कहे जाने वाले लोगों पर हमले के बाद मन में कुछ सवाल आए..सोचा सबसे यही सवाल किया जाए...क्या पता जो जवाब मुझे नहीं सूझ रहा है किसी और को सूझ जाए
कानून बनाने वालों से
सवाल...
पहला सवाल तो कानून बनाने वाले उन लोगों से ही है जिन्होंने देश के हर नागरिक को समान अधिकार दिए...आखिर क्यों कहा जाता है कि भारत में रहनेवाला आदमी देश में कही भी अपनी रोज़ी रोटी कमा सकता है...अगर ये सही है तो फिर मुंबई में उत्तर भारतीयों पर हमले क्यों किए जाते हैं...और अगर ये अधिकार गलत है जैसा की राज ठाकरे और उनकी जमात कहती है तो क्यों न इस कानून को अब बदल दिया जाए..
कानून को अमल में लाने वाले अधिकारियों से सवाल...
जब कानून की नज़र में सभी बराबर हैं तो अपराध करनेवाले हर आदमी को क्यों नहीं एक समान सज़ा मिलती है..अगर राज ठाकरे ने उत्तर भारतीयों पर हमला करवा कर गलत किया है तो फिर क्यों नहीं वो सलाखों के पीछे हैं...आखिर क्या आइटम हैं राज ठाकरे की वो हर बार अपराध करने के बाद भी बच निकलते हैं...
देश को चलाने वाले नेताओं से सवाल...
जिनके हाथ में सत्ता है उन नेताओं को पहला दायित्व क्या है...देश में रहनेवाले सभी लोगों की सुरक्षा या खुद को सत्ता में बनाए रखने के लिए प्रयत्न करना...अगर आप सत्ता में काबिज हैं और आपने इनती प्रशासनिक कठोरता नहीं है कि देश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई में हिंसा को रोक सकें तो आप सत्ता में काबिज ही क्यों है....आखिर क्या सिर्फ कुछ लोगों के प्रति ही आपकी जिम्मेदारी बनती है...
बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं के सवाल....
जब आप प्रदेश में होते हैं तो लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने का वचन देते हैं....आप कहते हैं कि हम प्रदेश के लोगों के हितों की रक्षा करेंगे...कोई प्रदेश की सत्ता पर काबिज है तो कोई केंद्र में ताकतवर मंत्री बना हुआ है...आखिर कहां गई आपकी ताकत...क्यों आप राज ठाकरे को मानसिक रोगी बता कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं...क्यों नहीं आप केंद्र सरकार को मजबूर करते की वो महाराष्ट्र के निकम्मे मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को राज ठाकरे जैसे शोहदे के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए कहे...आखिर क्यों सत्ता के लोभ में आपकी ताकत चूक जाती है...
कांग्रेस का समर्थन करने वालों से सवाल....
उड़ीस और कर्नाटक में जब हिंसा हुई तो आप सभी लोगों ने इन राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की..हर तीसरे महीने महाराष्ट्र में जो होता है उसपर आपकी क्या राय है....क्यों नहीं इसी हिंसा को वजह बनाकर महाराष्ट्र के नपुंसक मुख्यमंत्री को सत्ता से बेदखल कर दिया जाए...अपने राज्य में आए अतिथियों की रक्षा नहीं कर पाने वाले प्रशासन पर क्यों नहीं कड़ी कार्रवाई की जाए...
हिंदुत्व का राग अलापने वाले लोगों से सवाल...
जो लोग उंचे स्वर में कहते हैं कि हिंदू-हिंदू भाई-भाई अब वो बताएं की कैसे...क्या राज ठाकरे हिंदू नहीं हैं...क्या सिर्फ महाराष्ट्र के मराठे हीं हिंदू हैं...क्या बिहार में रहनेवाले लोग हिंदू नहीं हैं...अगर राज ठाकरे हिंदू हैं...मराठी हिंदू हैं...और बिहारी भी हिंदू हैं...तो आखिर राज ने हमला किया किस पर...क्या इन लोगों के हिंदुज्म की थ्योरी यहां फेल नहीं होती....आखिर किस तरह का हिंदू राष्ट्र चाहते हैं ये लोग...क्या इस हिंदू राष्ट्र में सिर्फ मराठियों का बोलबाला होगा....
मुझे इन सवालों का जवाब सूझ नहीं रहा है...

3 comments:

रंजना said...

aapke sabhi sawaal samast janmananas ke sawaal hain.parantu iska uttar koun dega?kise garaj hai in baton se?

jo niyam banate hain ,savidhaan chalate hain,unkee rotee to isi se chal rahi hai.

संगीता पुरी said...

आपके सभी सवाल जवाब का इंतजार ही करते रहेंगे ,कानून बनाने वाले ,कानून को अमल में लाने वाले ,देश को चलाने वाले ,बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले ,कांग्रेस का समर्थन करने वाले और हिंदुत्व का राग अलापने वाले यदि हमारी समस्याओं को समझते तो आज यह स्थिति क्यों आती ?

चलते चलते said...

संजय भाई बेहतर लिखा है। यह आग जलती रहनी चाहिए।