Monday, 27 October 2008

एक और बिहारी की मौत...

राज ठाकरे का फैलाया गया उन्माद अब अपना रंग दिखाने लगा है। मुंबई में एक और बिहारी मारा गया है...ये अलग बात है कि इस बार इस बिहारी को यमलोक का रास्ता महाराष्ट्र पुलिस ने दिखाया। इस तरह से अब तक इस क्षेत्रवाद की आंधी ने तीन बिहारियों की जान ले ली है।
पहला शिकार बना बिहार का पवन जिसे मुंबई में तथाकथित महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना कार्यकर्ताओं के कोप का भाजन बनना पड़ा ....दूसरा शिकार बना वो बिहारी जो बिहार में राज ठाकरे के उन्माद का जवाब हिंसक आंदोलन से दे रहा था। तीसरा और सबसे ताज़ा शिकार बना है मुंबई में बेस्ट की बस को अगवा करने की कोशिश कर रहा पटना का राहुल राज।
ये महज एक इत्तेफाक ही है कि एक राज (ठाकरे) को ख़त्म करने की चाहत में दूसरा राज (राहुल) इस दुनिया से चला गया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को सही माने तो महाराष्ट्र पुलिस राहुल राज को ज़िंदा पकड़ सकती थी। तो क्या अब हमें ये मान लेना चाहिए कि महाराष्ट्र पुलिस भी राज ठाकरे की राह पर चल पड़ी है..अगर ऐसा है तो मुंबई में रह रहे बिहारियों का तो भगवान ही मालिक है...
पर यहां सोचने वाली बात ये भी है कि जिन दिनों राज ठाकरे के चमचे उत्तर भारतीयों के ख़िलाफ़ सड़कों पर नंगा नाच कर रहे थे....तब मुंबई पुलिस ने तो कभी ऐसी कठोर कार्रवाई नहीं की...तो क्या मनसे के कार्यकर्ता आज जिस हद तक पहुंच गए हैं उसके लिए महाराष्ट्र पुलिस के नरम रवैये को भी दोषी माना जाना चाहिए...या फिर कहीं ऐसा तो नहीं है कि बिहार के मुख्यमंत्री का बयान महज राजनीतिक वजहों से दिया गया बयान हो...क्यों कि हो सकता है कि उन्हे आने वाले लोकसभा चुनाव में बिहार पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने की मजबूरी हो...
लेकिन जिस तरह से कमान से निकला हुआ तीर वापस नहीं लौट सकता वैसे ही नीतिश कुमार का बयान भी अब जंगल में आग की तरह फैल चुका है...हो सकता है कि उनका ये बयान क्षेत्रवाद के इस आग को और भड़का दे और इस आग में जलकर ना जाने और कितने पवन और राहुल राज दम तोड़ दें।
बहरहाल इस पूरी घटना ने मुझे भीष्म पितामह की वो बात याद दिला दी जो उन्होने महाभारत शुरू होने से पहले कही थी...उन्होने कहा था कि हार चाहे कौरव की हो या पांडव की उनकी (भीष्म पितामह) हार तो निश्चित ही है..इसी आधार पर यहां ये कहा जा सकता है कि इस क्षेत्रवाद की बयार मेंचाहे किसी बिहारी की मौत हो या फिर किसी मराठी की...खंजर तो भारत माता के सीने पर ही चलेगा।
वाद विवाद

2 comments:

संगीता पुरी said...

दीपावलि के अवसर पर यह समाचार दुखद है। आपके पूरे परिवार और मित्रगण सहित आपको भी परम मंगलमय त्‍यौहार दीपावलि की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

दिनेशराय द्विवेदी said...

आप ने सही कहा ...

दीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएँ। दीपावली आप और आप के परिवार के लिए सर्वांग समृद्धि और खुशियाँ लाए।