Thursday, 30 October 2008

साध्वी को साध्वी का सहारा....

मध्यप्रेदश की एक साध्वी को मध्यप्रदेश की ही दूसरी साध्वी ने सहारा दिया है। इसमें पहली साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं जिसे मालेगांव ब्लास्ट के मामले में गिरफ़्तार किया गया है..जबकि दूसरी साध्वी हैं मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती।
वैसे उमा भारती ने तो पहले ही प्रज्ञा सिंह ठाकुर को क्लीन चीट दे दी थी..लेकिन अब उमा भारती की पार्टी भारतीय जनशक्ति पार्टी ने प्रज्ञा को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट देने की पेशकश की है। ये बात कोई चोरी-छिपे नहीं की जा रही है बल्कि इस प्रस्ताव का ऐलान पार्टी के राष्ट्रीय सचिव इंदर प्रजापत ने डंके की चोट पर किया है। उन्होने प्रज्ञा को मध्यप्रदेश के किसी भी इलाके से चुनाव लड़ने की सहूलियत देने की भी पेशकश की है।
उमा भारती की पेशकश यहीं ख़त्म नहीं होती है...उन्होने इससे भी एक कदम आगे बढ़कर प्रज्ञा को कानूनी मदददेने का भी प्रस्ताव दिया है। इंदर प्रजापत ने ये दावा किया है कि प्रज्ञा जल्दी ही बेगुनाह साबित होकर मामले से बाइज्जत बरी हो जाएंगी।
अब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई उमा भारती को प्रज्ञा के बेगुनाह होने का भरोसा है या फिर वो हिन्दुत्व की बहती बयार में प्रज्ञा के तुरुप का पत्ता फेंककर विधानसभा में एक सीट पक्की करना चाहती है। क्यों कि उमा भारती ने भी कच्ची गोलियां नहीं खेली है...उसे पता है कि जिस तरह पिछले चुनाव में वो हिन्दुत्व की आंधी में दिग्विजय सिंह की सरकार को बहा ले गई थी...शायद इस बार भी ऐसा ही कोई करिश्मा हो जाए।
इससे पहले बीजेपी ने ये कहकर प्रज्ञा से किनारा कर लिया था कि...पार्टी का उससे कोई लेना देना नहीं है जबिक राजनीतिक गलियारे का हर आदमी जानता है कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर गिरफ़्तार होने से पहले तक बीजेपी के विभिन्न संगठनों से जुड़ी रही हैं। उमा भारती ने बीजेपी के इसी रवैये को भुनाने की कोशिश की है ताकि बीजेपी के बयानों से आहत प्रज्ञा सिंह ठाकुर को वो अपने फ्रेम में उतार सके।
अब सवाल ये उठता है कि क्या ये भारतीय जनशक्ति पार्टी का दिवालियापन है कि वो एक आतंकी कार्रवाई की आरोपित को अपना उम्मीदवार बनाने की पहल कर रही है। ऐसा नहीं है कि पहले किसी पार्टी ने किसी अपराधी को अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है लेकिन ऐसे मामलों में खुद अपराधी ही राजनीतिक दलों से संपर्क बनाते रहे हैं...और इस बार बीजेएसपी ने प्रज्ञा सिंह के सामने पेशकशों की झड़ी लगाकर अपनी विचारधारा को जगजाहिर कर दिया है।

1 comment:

Anonymous said...

कहॉं है आतंकवाद पर रैलियां निकालने वाले। क्‍या किसी में हिम्‍मत है जो भगवा आतंकवादी और उसकी समर्थक के खिलाफ रैली निकाले।