Wednesday 29 October, 2008

आखिर कब तक

मध्यप्रदेश....भारत का हृदय प्रदेश...मध्यप्रदेश में 25 नवंबर को चुनाव होने हैं....प्रदेश में मौजूदा सरकार है
बीजेपी की...230 विधानसभा सीट और 29 लोकसभा सीट हैं मध्यप्रदेश में..पीएम इन वेटिंग लाल कृष्ण आडवाणी के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं प्रदेश की यहां 29 लोकसभा की सीटें हैं...
अब चुनाव सर पर हैं तो चुनाव के कुछ मुद्दे भी होंगे...बीजेपी की मौजूदा सरकार के ख़िलाफ़ कांग्रेस भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रही है...मुद्दा बिजली, सड़क और पानी भी है...इन्हीं को मुद्दा बना कर पिछले चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को पटखनी दी है... लेकिन अब तस्वीर का रुख उल्टा हो गया है....बीजेपी के ही मुद्दों पर कांग्रेस बीजेपी को घेर रही
है...
प्रदेश में पिछले पांच सालों में कितना विकास हुआ इसका हिसाब विपक्ष बीजेपी की सरकार से मांग रहा है... ऐसे में बीजेपी सरकार बचाने के लिए क्या करे...अब लगता है काफी सोच समझ कर बीजेपी ने हिंदुत्व का तीर चलाने का मन बना लिया है... इसकी एक बानगी दिखी इंदौर में...मालेगांव ब्लास्ट मामले में गिरफ़्तार श्याम साहू के घर पहुंचे प्रदेश के ताकतवर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय....कैलाश विजयवर्गीय की छवि मध्यप्रदेश में वही है जो गुजरात में नरेंद्र मोदी की है...इन महाशय को मध्यप्रदेश का मोदी भी कहा जाता है...इंदौर दंगों के समय इन्होंने ही दंगों में सिमी का हाथ बताया था....लेकिन कोई ठोस सबूत मुहैया नहीं करा पाए थे..
तो श्याम साहू के घर कैलाश विजयवर्गीय का पहुंचान अचानक नहीं था....मध्यप्रदेश की मौजूदा सरकार अपने विकास के एजेंडे पर तो अपनी गद्दी बचाने से रही...उसके बाद जो कसर बची थी उसे साध्वी उमा भारती की बग़ावत ने पूरा कर दिया....उमा बीजेपी को हिंदुत्व के मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रही हैं....
मालेगांव ब्लास्ट में गिरफ़्तार साध्वी प्रज्ञा के समर्थन में सबसे पहले उमा भारती हीं उतरीं थी...उमा ने साफ-साफ कहा था कि प्रज्ञा एबीवीपी की कार्यकर्ता थी....उमा से वार से बीजेपी के नेता तीलमिला उठे...गले की फांस बन गईं प्रज्ञा...न तो उगलते बनता था न निगलते...काफी ना नुकर के बाद माना की प्रज्ञा का बीजेपी से संबंध था.... बात इतने से बनती नज़र नहीं आई तो कैलाश विजयवर्गीय पहुंच गए श्याम साहू के घर...कहा वो हमारे पुराने कार्यकर्ता हैं...कांग्रेस चुनावी लाभ के लिए हिंदुओं को आंतकवादी घोषित कर रही है...
यानी बीजेपी ने अब तय कर लिया है कि और कहीं हो न हो मध्यप्रदेश में उसका मुख्य मुद्दा हिंदुत्व ही होगा....हिंदुत्व के इस एक वार से साध्वी उमा भारती और कांग्रेस दोनों को चित करना चाहती है बीजेपी... मान लें
हिंदुत्व का मुद्दा एक बार सही भी है...लेकिन क्या प्रदेश की जनता को ये जानने का अधिकार नहीं है कि बीजेपी की मौजूदा सरकार ने प्रदेश के विकास के लिए क्या किया...आखिर क्यों नहीं बीजेपी अपनी उपलब्धियों को आधार
बनाकर मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ रही है....
आखिर कब तक आम लोगों को भावनात्मक शोषण करती रहेगी बीजेपी....आखिर कब तक

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