Sunday, 19 October 2008

मर्द की तलाश है....

भारत सरकार की तरफ से विग्यापन छपा है...सरकार को महाराष्ट्र के लिए एक मर्द नेता की और मुबंई पुलिस के लिए मर्द जवानों की जरूरत है...
लेकिन शर्त थोड़ी अगल है...दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मेरे पिता ने नार्मद नहीं पैदा किया है...मैं मर्द हूं...
और राज ठाकरे तो पहले से ही कहते आए हैं कि वो ही इकलौते मराठी मर्द हैं...राज की गुंडा जमात यानी एमएनएस अपने कर्मों के ये साबित करती आई हैं कि वाकई हो मर्दों की जमात है...रविवार को मुंबई में जो कुछ भी हुआ वो राज और उद्धव दोनों की मर्दानगी का एक और नमूना भर था...
थोड़े ही दिन हुए मुंबई पुलिस से कमिश्नर ने कहा था कि मुंबई किसी के बाप की नहीं है...दशहरा रैली पर उद्धव ने कहा कि नहीं जनाब ये मुंबई मेरे बाप की है...राज उनसे भी पहले से कहते आ रहे हैं कि ये मुंबई उद्धव या किसी और के बाप की नहीं सिर्फ और सिर्फ राज ठाकरे और उनकी गुंडा जमात के शोहदों की है...
तो भारत सरकार ने जो विग्यापन जारी किया है उसमें उन्हें भी मर्द की तलाश है...लेकिन ये मर्द राज और उद्धव टाइप नहीं होने चाहिए ..उनसे थोड़े अगल होने चाहिए...महाराष्ट्र के मौजूदा प्रशास
विलासराव देशमुख को तो राज और उद्धव ने मिलकर नामर्द साबित कर दिया है...और मुंबई पुलिस को नामर्द साबित करने का काम किया है इन दोनों मर्दों के शोहदों ने...तो इन दोनों मर्दों को मर्दानगी पर थोड़ा रोक लगाने के लिए अब भारत सरकार ने विग्यापन जारी किया है....
एक और इश्तहार छपा है पटना से प्रकाशित होने वाले अख़बार में....किसी बिहार प्रांत के निवासियों ने अपने लिए मर्द नेता तलाशने के वास्ते ये विग्यापन छपवाया है...कहा गया है कि उन्हें कोई ऐसा नेता चाहिए जो राज और उद्धव नाम के
मुंबई के दो महामर्दों से उनकी रक्षा कर सके...विग्यापन देने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने लालू, नितिश, रामविलास नाम के कुछ लोगों को मर्द मानकर अपना रक्षक चुना था...लेकिन के महामर्दों के हमले के दौरान पता चला की मर्द होने का दावा करने वाले ये लालू, नितिश, रामविलास नामर्द हैं...
एक विग्यापन दिल्ली से इंटरनेट पर देखने में आया है...इसमें भारत नाम के देश के लोग अपने प्रधानमंत्री पद के लिए मर्द आदमी की तलाश करते हुए पाए गए है...इन लोगों का कहना है कि देश को मौजूदा समय में एक वास्तविक महिला चला रही है...नाम उसका कुछ सोनिया है...वो इन लोगों की सुरक्षा नहीं कर पा रही है...उसने देश को चलाने के लिए एक मर्द का दिखने वाला चेहरा चुना भी था..लेकिन वो आदमी भी समय आने पर मर्दानगी की परीक्षा में पास नहीं हो पाया है...
तो क्या हमारा पूरा देश नपुंसक बन गया है...क्या अब ये धरती नामर्दों की हो गई है..कैसे मुक़ाबला करेंगे हम विधर्मियों का...कैसे लड़ेंगे हम विदेश से धर्म परिवर्तन के लिए आ रहे पैसे से...कैसे जूझेंगे हम बांग्लादेशी घुसपैठियों से....अगर कोई मर्द
हो तो कृप्या इन विग्यापनों को देखे और आगे आए...हमारा देश नपुसंक होने के कगार पर खड़ा है...इसे कोई तो बचाए....

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