Tuesday 14 October, 2008

मैं कैसे अमर हो सकता हूं

मध्यप्रदेश में अब विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई है...लेकिन इस घोषणा से पहले वहां के नेताओं के आचार संहिता लागू होने के डर से क्या किया, जनता को बेवकूफ बनाने के कौन-कौन से जतन किए एक बानगी
मध्यप्रदेश में है सागर...और सागर का एक विधानसभा क्षेत्र है रहली....इस विधानसभा क्षेत्र में सरकारी फंड से जो भी काम हुए हैं उन सबमें गोपाल शब्द जरूर जुड़ा हुआ है...ऐसा नहीं है कि इस विधानसभा क्षेत्र के लिए सरकार ने कोई ख़ास स्कीम चलाई हो और सभी काम गोपाल नाम से ही कराए गए हैं...वजह कुछ और है... दरअस्ल इस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं मध्यप्रदेश सरकार के ताकतवर मंत्री गोपाल भार्गव...प्रदेश की कैबिनेट में कृषि और सहकारिता मंत्री हैं..चुनाव से पहले जनता के बीच में अपनी इमेज सुधारनी थी..सो विकास कार्यों का उद्घाटन किया...लेकिन साथ ही मंत्री जी के मन में कहीं न कहीं ये लालसा भी रही होगी की सरकारी पैसे पर कैसे अमर हुआ जाए...लिहाजा लगे हाथ सभी सरकारी कामों में अपना नाम जो़ दिया...गोपाल...अब काम तो हो ही रहा है...साथ में मंत्री जी भी अमर हो गए...इसे कहते हैं हिंग लगे ने फिटकरी और रंग चोखा ही चोखा.. मंत्री जी का किस्सा यहीं खत्म नहीं होता...चुनाव जब सर पर आ गए थे तो अचानक एक दिन मंत्री जी को जनता की याद आई...सोचा होगा चलो कुछ कर ही दिया जाए...सो दिन देखा...डोल ग्यारस का...चले आए अपने विधानसभा क्षेत्र...और एक ही दिन में ग्यारह सौ विकास कार्यों का शिलान्यास कर दिया...जी हां एक नहीं दो नहीं पूरे ग्यारह सौ...जब लोगों ने पूछा की महाशय एक साथ इतनी योजनाए...तो मंत्री जी ने सीना ठोककर कहा कि देखों हम विकास पुरुष हैं....फिजूलखर्ची नहीं करना चाहते तो एक ही दिन में एक ही जगह पर ग्यारह सौ योजनाओं को शिलान्यास कर दिया... तो इस तरह महान नेता गोपाल भार्गव अमर होने की राह पर चल निकले हैं...दूसरे नेता भी उनसे सबक ले सकते हैं...और चाहें तो गोपाल जी दूसरे नेताओं की आसानी के लिए अपने अनुभवों और प्रयोगों की एक किताब लिख सकते हैं...

1 comment:

Unknown said...

ye sab mat hasil karne ke liye kar rahi hain.


inke bare me aap ko kuch hamare blog kasurkiska.blogspot.com par bhi mil jayega.