बात थोड़ी पुरानी है..लेकिन संदर्भ आज का ही है....भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने देश के दो न्यूज़ चैनलों को नोटिस थमाया है..मामला है हाल में ही हुए महाप्रयोग के दौरान इन चैनलों की रिपोर्ट्स...जीन दो महान न्यूज़ चैनलों को नोटिस थमाया गया है वे हैं सबसे तेज "आज तक" और बदलते भारत की तस्वीर "इंडिया टीवी"
अगर टीआरपी रेटिंग्स के हिसाब से देखे तो समाचार देखने वाले कुल दर्शकों में से लगभग पैंतीस फ़ीसदी लोग इन दो चैनलों को देखते हैं...ये वही दोनों चैनल हैं जो अरसे से लोकप्रियता के मामले में नंबर एक और नंबर दो की कुर्सी पर विराजमान है..पूरी दुनिया जानती थी की जो महाप्रयोग हो रहा है वो साइंसटिफिक है और उससे किसी तरह का नुकसान होने की आशंका बहुत कम है..क्योंकि इस प्रयोग के पीछे साइंसदानों की एक लंबी फौज काम कर रही थी..बेहद जांच परख कर हर कदम उठाया जा रहा था..लेकिन हमारे देश के इन दो चैनलों की उन दिनों की रिपोर्ट्स को मानते तो बस धरती पर जलजला आने वाला था...सब कुछ खत्म होने वाला था.. देश में समाचार देखने वाले दर्शकों को आम तौर पर गंभीर माना जाना जाता...हम सभी जानते हैं कि हमारे देश में सूचना के लिए आम आदमी अख़बार और समाचार चैनलों पर निर्भर करता है...हम सभी अपने सामान्य अनुभवों से ये बता भी सकते हैं कि किसी भी विषय पर जनमत तैयार करने में सूचना के इन साधनों का अहम योगदान होता है...अब सवाल ये है कि अगर सूचना अपने मूल स्रोत से ही गलत आ रही हो तो आगे क्या होगा...देश में हिंदी में समाचार देखने वाले पैंतीस फ़ीसदी लोग जो महाप्रयोग के दिनों में इन न्यूज़ चैनल्स के जरीए अपना मत बना रहे थे उन्होंने किस तरह का मत बनाया होगा... सवाल ये उठता है कि आखिर एक जिम्मेदार पेशे में होने के बाद भी पत्रकार इस तरह की ख़बरें क्यों दिखा रहे हैं...क्या इन दोनों चैनलों में काम करने वाले पत्रकारों और इन चैनलों के कर्ताधर्ताओं में वैग्यानिक सोच का आभाव है...क्या इन चैनलों को ये लगता है कि टीआरपी सिर्फ लोगों को डरा कर हासिल की जा सकती है... और जो सवाल बार-बार मन में उठता है कि अगर किसी समझदार आदमी से गलती हो जाती है तो वो गलती का अहसास होने पर माफी मांगता है..महाप्रयोग बीच में बंद हो गया...एक नियत समय पर उसे चालू होना था हुआ...इन चैनलों ने कहा कि दुनिया खत्म हो जाएगी..ऐसा हुआ नहीं...ये साबित हो गया है कि आज तक और इंडिया टीवी ये दोनों ही चैनल गलत थे..जाहिर है इसी लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इन चैनलों को नोटिस भी दिया है...तो क्या इन चैनलों का अपने दर्शकों के प्रति नैतिक जिम्मेदारी नहीं बनती की वो अपने दर्शकों से भी माफी मांगे...क्या इन्हें अपने दर्शकों को ये नहीं कहना चाहिए की हमने गलती की और आप हमें क्षमा कर दें...सूचना और प्रसारण मंत्रालय के नोटिस का ये चैनल क्या जवाब देंगे वो तो बाद की बात है...लेकिन दर्शकों को शायद इस बात का इंतज़ार रहे की आखिर ये चैनल कब माफीनामें के साथ उनके सामने रुबरु होंगे
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