Saturday, 18 October 2008

वोट निकालने का एटीएम : बटला हाउस

बटला हाउस वोट निकालने की एटीएम मशीन हो गया है...यहां से कुछ पार्टियां वोटों की खेती करना चाहती है...यही कहा है बीजेपी ने...खैर बीजेपी जो कुछ भी कहे लेकिन ये बात कुछ सच सी होती दिखाई देती है...पहले अमर सिंह के जुबान पर बटला हाउस का जिक्र होता था...लेकिन अब कांग्रेस भी इसमें शामिल हो गई है...
शनिवार शाम कुछ कांग्रेसी प्रधानमंत्री हाउस पहुंच गए...मांग थी बटला हाउस एनकाउंटर की न्यायिक जांच की...जी हां कांग्रेसी कर रहे हैं बटला हाउस एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग...कांग्रेसियों के दल में शामिल थे सलमान खुर्शिद, सी के जाफर शरीफ और दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल...
क्यों पहुंचे ये कांग्रेसी अपनी ही सरकार के तयशुदा स्टैंड के उल्ट मांग करने..वजह खालिस राजनीतिक है...दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं...बाहर असर हो ना दिल्ली के अल्पसंख्यक बहुल इलाक़ों में बटला हाउस मुठभेड़ का मामला जरूर उठेगा...अमर सिंह की बटालियन जोर शोर से इस मामले को उठा कर कांग्रेस को परास्त करना चाहती है..लिहाजा दिल्ली के कांग्रेसियों की मजबूरी है कि वो भी कुछ करें...
दरअस्ल अब तक समाजवादी पार्टी को वो मुद्दा नहीं मिला था जो परमाणु करार पर उसके स्टैंड से पार्टी पर लगे दाग़ को कुछ कम कर सके...अमर सिंह शुक्र मना रहे हैं बटला हाउस मुठभेड़ का...अल्पसंख्यक वोटों को रिझाने का औजार मिला गया है..बटला हाउस के साबुन से वो परमाणु करार के दाग को धो देना चाहते हैं....मुसलमाने के हितैषी बनकर दिल्ली और दूसरे प्रदेशों में उनके वोटों पर कब्ज़ा करना चाहते हैं...
लेकिन कांग्रेस...क्या हुआ कांग्रेसियों को...जिस मुठभेड़ को उसी पार्टी का गृहमंत्रालय अपने लिए बड़ी कामयाबी बता रहा है उसी को पार्टी के कुछ नेता संदेहास्पद ठहरा रहे हैं...क्या पार्टी के इन नेताओं पर मैडम सोनिया का जोर नहीं...या मैडम ट्रैक टू पालिसी के तहत अल्पसंख्यकों को रिझाना चाहती हैं...आखिरी माजरा है क्या....
बात चाहे जो हो लेकिन इतना तो साफ हो गया है कि वाकई बटला हाउस अब एक जगह का नाम नहीं रह गया है...यह वोट के भूखे नेताओं के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल बन गया है..अल्पसंख्यक वोटों की फसल काटने को आतुर हर नेता इन तीर्थ स्थल पर आकर सर नवा रहा है...इस पूरे प्रकरण में एक बात और साफ कर दी है कि राजनीति के हमाम में वाकई हमारे ज्यादातर नेता नंगे हैं....

1 comment:

Gyan Darpan said...

इनकी राजनीती सिर्फ़ वोट तक ही सिमित है इन्हे देश से क्या लेने देना