Wednesday 30 September, 2009

साइकिल बनाए नामर्द, पार्ट-2

आईए अब हम आपको वो उपाय बताते हैं....जिससे आप साईकिल चलाते हुए भी तंदरुस्त रह सकते हैं। मैं अपने इस पोस्ट में आपको बताउंगा कि आखिर क्यों साइकिल चलाने से लोग नामर्द हो जाएंगे। साथ ही आपको ये भी बताउंगा कि इससे आप बच कैसे सकते हैं। आप जब साइकिल चला रहे होते हैं तो आपके साईकिल की सीट आपके जनेन्द्र को दबा रही होती है और साथ ही वो वहां तक पहुंचने वाली खून की नली को दबाती है जिससे अंग में सही अनुपात में खून नहीं पहुंच पाता है। साथ ही कई बार ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर चलते वक्त अगर आपकी साइकिल अरामदेह नहीं है तो भी वो आपके जनेन्द्र को नुकसान पहुंचा सकती है। कई बार अधिक दबाव के कारण आपके स्पर्म के उत्पत्ति स्थल को भी नुकसान पहुंच सकता है। ऐसा नहीं है कि इससे सभी साइकिल सवारों को नुकसान होता है। बल्कि इस नुकसान की आशंका वैसे साइकिल सवारों को ज़्यादा है जो अपने कद के मुताबिक साइकिल का चुनाव नहीं करते...और साथ ही सही तरह की सीट नहीं लगवाते।


आईए अब आपको बताते हैं कि आपको किस तरह की सतर्कता साइकिल ख़रीदते और उसे चलाते वक्त बरतनी चाहिए। साइकिल ख़रीदते वक्त इस बात का ख़ास ख़्याल रखें कि वो आपके कद के मुताबिक सही ऊंचाई वाली हो। इसके लिए आप साइकिल पर बैठकर अपने पांव को जमीन पर टिका कर देख लें...अगर आपका पांव बिना किसी ख़ास परेशानी के ज़मीन तक पहुंच रहा है तो वो साइकिल आपके लिए उपयुक्त है। साथ ही आप साइकिल के सीट का ख़ास ध्यान रखें कि वो आपके जनेन्द्र के ख़ास हिस्सों पर ज़्यादा दबाव ना डाल रहा हो...इसके अलावा साइकिल चलाते वक्त ये याद रखें कि अधिक दूरी की सवारी करने के दौरान बीच-बीच में थोड़ी देर के लिए साइकिल से उतर कर विश्राम जरूर कर लें। क्यों कि अधिक देर तक साईकिल चलाने से आपके कमर के अंदरुनी वाले भाग में ज़्यादा गर्मी पैदा होगी...इससे आपके स्पर्म की संख्या और गुणवत्ता पर फर्क पड़ सकता है। और अगर कभी आपको किसी ढ़लान पर चढ़ने की नौबत आ जाए तो ये बेहतर होगा कि आप साइकिल से उतर कर टहलते हुए ही उसपर चढ़ाई करें....अगर आपने इतनी सतर्कता बरती तो आपकी साइकिल आपके लिए वास्तव में शान की सवारी साबित हो सकती है साथ ही ये पर्यावरण की रक्षा और आपकी सेहत को भी बनाए रखने में मददगार साबित होगी..

2 comments:

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

इस उपाय को कागज़ पर छापकर पोलों पर चिपकाया जाये तो कुछ जागरूकता बढेगी.
यहाँ ब्लॉग पर संभावना कम दिखती है.

निरंतर लेखन के लिए आपका धन्यवाद!

drparveenchopra said...

ऐसी किसी स्टडी के बारे में लिखेंगे क्या ?