Monday 14 September, 2009

प्राचीन कंप्यूटर, पार्ट-1

अगर मैं आपसे कहूं कि हजारों साल पहले भी कंप्यूटर था..तो शायद आप इसे मजाक समझेंगे.. लेकिन ये सच है.. आज मैं आपको एक ऐसे कंप्यूटर के बारे में बताने जा रहा हूं...जो वाकई दो हज़ार साल पुराना है। अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि दरअसल ये कंप्यूटर कैसे काम करता है और वैज्ञानिकों के हाथ कैसे लगा। दरअसल वैज्ञानिकों को ये प्राचीन कंप्यूटर कई साल पहले हाथ लगा था लेकिन उस वक्त ये उनके लिए एक बहुत बड़ा रहस्य था। क्यों कि उन्होने ये कल्पना भी नहीं की थी कि दो हज़ार साल पहले का तकनीक इतना विकसित हो सकता है। घड़ी के जैसा दिखने वाला ये यंत्र वैज्ञानिकों के हाथ लगना एक संयोग मात्र था।

ये यंत्र वैज्ञानिकों को ग्रीस के एंटीकायथेरा आइलैंड के पास समुद्रतल में मिला था। इस खोज का श्रेय उस दल के गोताखोरों को जाता है जो एक डूबे हुए जहाज के अवशेष को ढूढ़ने के लिए समुद्रतल पर गए हुए थे। यहां उन्हे दो हज़ार साल पहले डूबे हुए ग्रीस के व्यापारियों के एक जहाज का अवशेष मिला और उसी अवशेष में मिला उन्हे ये प्राचीन कंप्यूटर। गोताखोरों को ये यंत्र 70 टुकड़ों में एक टूटे हुए लकड़ी और कांस्य के बक्से के साथ मिला। जब इस यंत्र को बाहर निकालकर जोड़ने की कोशिश की गई तो पता चला कि वो 70 टुकड़े उन 30 गियर के थे जिससे मिलकर ये प्राचीन कंप्यूटर बना था।

काफी मशक्कत के बाद वैज्ञानिकों ने इसकी आपस की कड़ियों को जोड़ने में सफलता प्राप्त की लेकिन वो इसमें छुपे रहस्य को नहीं जान पाए। इस यंत्र के रहस्य को जानने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया जिसमें खगोलविद, कंप्यूटर विशेषज्ञ, गणितज्ञ, पुरातत्ववेत्ता और इतिहासकार शामिल थे। इस यंत्र के रहस्यों को जानने के लिए इसे एथेंस में काफी सुरक्षित तरीके से रखा गया जहां इसे छूने की भी किसी को इज़ाजत नहीं थी। लेकिन इस प्राचीन कंप्यूटर ने वैज्ञानिकों की ग्रीस की तकनीक के बारे में फिर से सोचने पर विवश कर दिया...ये कंप्यूटर कैसे काम करता था और इसमें कौन सा रहस्य छिपा है इसके बारे में मैं आपको कल बताउंगा...

2 comments:

नीरज गोस्वामी said...

रोचक जानकारी ...कल का इंतज़ार अभी से शुरू हो गया है...
नीरज

Dr. Amar Jyoti said...

:)?