Saturday 8 November, 2008

बराक ओबामा और प्रतिभा पाटिल

बराक ओबामा और प्रतिभा पाटिल में बस इतना सा फर्क है कि एक को अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी जनवरी में मिलेगी तो दूसरी भारत की वर्तमान राष्ट्रपति है। पर क्या आप ये जानते हैं कि प्रतिभा पाटिल के पति का पूरा नाम क्या है ? वो क्या करते हैं ? उनके कितने बच्चे हैं ? हो सकता है कि आप बहुत जागरुक हों तो इसमें से कुछ सवाल का जवाब आपको पता हो...लेकिन अगर ऐसे ही सवाल बराक हुसैन ओबामा के बारे में किया जाए तो शायद पको ऐसे सारे सवालों के जवाब मालूम हों। आपको तो ओबामा के मां-बाप के साथ-साथ उनके सौतेले मां-बाप और सौतेले भाई-बहनों के बारे में भी पता होगा...ये अलग बात है कि हो सकता है कि खुद ओबामा को भी इस मामले में कुछ बात पता ना हों....
मीडिया ने जितना कवरेज अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव का किया उतना तवज्जो तो उसने भारत के राष्ट्रपति चुनाव को भी नहीं दिया था। क्या ये हमारी सदियों तक रही गुलामी मानसिकता को दर्शा रहा है या फिर हमने अमेरिका को सुपर पावर मान लिया है। हो सकता है कि हमें ऐसा भी लगने लगा हो कि शायद अमेरिका के तलवे चाटने से हमें वाफादारी का पट्टा मिल जाए। ओबामा के मंत्रिमंडल और सलाहकारों में किसी भारतीय का नाम आते ही हमारा दिल बल्लियों उछलने लगता है...हमें ऐसा लगने लगता है कि जैसे साक्षात भगवान की हम पर कृपा दृष्टि पड़ गई हो। ओबामा के जीतते ही हम ये कहना नहीं भूले कि हमने उन्हे हनुमान जी की मूर्ति भेंट की थी...और हनुमान जी ने ही उनकी जीत को पक्की कर दी।क्या हम इतने बड़े चापलूस हो गए हैं कि अमेरिका की चापलूसी करने के लिए अपने भगवान को भी उनकी सेवा में लगा देते हैं।
मैं तो ये दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर ओबामा का जन्म भारत में हुआ होता तो वो नगर निगम के पार्षद का चुनाव भी नहीं जीत पाते...यहां के नेता कभी उनके नशाखोरी को मुद्दा बनाते तो कभी उनके माता-पिता के नाजायज संबंध की बात छेड़ देते। यहां पर ओबामा के पास जीत का एक ही मंत्र हो सकता था कि वो खुद को दलित घोषित करके अपने ख़िलाफ़ उठ रही हर आवाज़ पर हरिजन एक्ट के तहत मामला दर्ज करवा देते।
ये तो उनकी खुशकिस्मती है कि वो अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं...नहीं तो आने वाले इन दो महीनों में उनके प्रतिद्वन्दी ना जाने उनका क्या हाल करते। शायद भारत के नेतागण भी इस सच्चाई से रूबरू हो चुके हैं इसलिए वो भी अपने स्तर पर ओबामा को बधाई देने से पीछे नहीं हटना चाहते हैं।

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