Saturday, 22 August 2009

शनि के चंद्रमा पर पानी

शनि के चंद्रमा पर पानी है....जी हां आपने ठीक पढ़ा...शनि के चंद्रमा पर पानी है...दरअसल शनि के इस चंद्रमा का नाम इनसेलाडस है और वैज्ञानिकों ने यहां पर पानी होने की संभावना व्यक्त की है। वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर कैसीनी नामक अंतरिक्ष यान की भेजी गई जानकारियों के आधार पर पहुंचे हैं। ये अंतरिक्ष यान इनसेलाडस के बिलकुल क़रीब से गुजरा था और वहां से उसने इस उपग्रह के सतह की कई तस्वीरें ली साथ ही कई ऐसी जानकारियां इकट्ठी की जिससे वहां पर पानी होने के संकेत मिलते हैं।

वैज्ञानिकों के मुताबिक कैसीनी ने शनि ग्रह के ई रिंग में सोडियम की मौजूदगी का पता लगाया है जो इनसेलाडस से आया था। आपको बता दें कि शनि के चारों तरफ जो रिंग मौजूद है उसे वैज्ञानिकों ने 6 भागों में बांटा है और उसे A,B,C,D,E,F का नाम दिया था। इन्ही में से ई रिंग में सोडियम के मौजूद होने का प्रमाण मिला है। इस मामले में वैज्ञानिक तमाम शोधों के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि इनसेलाडस में बिना पानी की मौजूदगी के ये सोडियम शनि के ई रिंग में नहीं पहुंच सकते थे। इसी आधार पर जब वैज्ञानिकों ने कैसीनी के भेजे गए चित्रों का विश्लेषण किया तो उन्हे शनि के चंद्रमा पर वाष्प और बर्फ के कण दिखे जो उपग्रह पर बने एक गीजर के कारण बन रहे थे। ये गीजर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में बन रहे दरारों में साफ-साफ देखे गए। उपग्रह का उत्तरी ध्रुव दक्षिणी ध्रुव के मुकाबले ज़्यादा पुराना और गड्ढ़ों से भरा हुआ है।

इससे पहले भी शनि के ही एक दूसरे उपग्रह टाइटन पर भी पानी और जीवन के संकेत मिले थे...वैज्ञानिक उसपर भी शोध करने में जुटे हुए हैं। आपको बता दें कि अभी तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक शनि के लगभग 61 उपग्रह हैं और इसमें से ही एक छोटा उपग्रह इनसेलाडस भी है। वैज्ञानिकों ने कैसीनी से मिली जानकारी के आधार पर ये संभावना व्यक्त की है कि इनसेलाडस के ऊपरी बर्फीली सतह से कई मीटर नीचे पानी का जबरदस्त भंडार है जो एक छोटे समुद्र की तरह हो सकता है। वैज्ञानिकों ने अपने अनुमान का परीक्षण करने के लिए शनि के इस उपग्रह पर और अंतरिक्ष यान भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। वैज्ञानिकों ने पानी मिलने की सूरत में वहां पर जीवन की संभावनाओं को तलाशने की दिशा में भी शोध करना शुरू कर दिया है।