आज मैं आपको बताने जा रहा हूं एक ऐसे टीवी के बारे में जो आपकी पसंद और नापसंद को समझ लेता है और आपके मन मुताबिक कार्यक्रम आपको दिखाता है यानि इस टीवी में रिमोट कंट्रोल की जरूरत नहीं होती है..ये टीवी उनके लिए उपयोगी साबित हो सकता है जो टीवी पर आ रहा उबाऊ कार्यक्रम देखना नहीं चाहते हैं..भारत का टीवी जगत अभी तक पूरी तरह परिपक्व नहीं हुआ है..यही वजह है कि दूरदर्शन से शुरू हुआ ये सफर आज सैकड़ों चैनल तक पहुंच चुका है लेकिन आज भी एक कार्यक्रम के सफल होते ही सारे चैनल उसके पीछे भेड़चाल की तरह चल पड़ते हैं...कभी धार्मिक कार्यक्रमों की धूम होती है तो कभी सास-बहू के किस्से चल निकलते हैं...
इन सब से निजात पाने के लिए वैज्ञानिकों ने जो कारनामा किया है वो आपको चौंका देगा...उन्होने शुरूआती तौर पर एक ऐसी तकनीक ईजाद की है जिससे कोई भी टीवी या कंप्यूटर आपके चेहरे को देखकर निर्देश लेगा। इसके लिए वैज्ञानिकों ने आम आदमी के चेहरे पर आने वाले हाव भावों का गहन अध्यन किया और उसे आंकड़ों की शक्ल में उतारकर कंप्यूटर और टीवी में डाल दिया। वैज्ञानिकों ने लोगों के चेहरों पर आने वाले हाव भाव को जानने के लिए एक छोटा सा विडियो कैमरा उस कंप्यूटर और टीवी पर लगा दिया। इसके बाद उन्होने परीक्षण के तौर पर उस टीवी के आगे अपने चेहरे पर हाव भाव लाए और दूसरे ही पल टीवी ने चेहरे से मिल रहे संकेतों को पहचानकर उसके मुताबिक काम करना शुरू कर दिया। वैज्ञानिकों ने अपने ईजाद को सफल बनाने के लिए आम इंसानों के चेहरे पर आने वाले हाव-भाव को 6 वर्गों में बांटा है, जो हैं गुस्सा, नाराज़गी, डर, खुशी, उदासी और आश्चर्य। इन भावों के आने पर आम इंसान के चेहरे की बनावट में कैसे-कैसे बदलाव आते हैं इसका उन्होने गहन अध्यन करके उसे आंकड़ों की शक्ल में ढ़ाल दिया। इतना कुछ करने के बाद वैज्ञानिकों को अपने मन मुताबिक परिणाम मिलने लगे। अब वो अपने इस ईजाद को और बेहतर बनाने की मुहिम जुट गए हैं। और हम ये आशा कर सकते हैं कि जल्दी ही वैज्ञानिकों की ये ईजाद हमारे हाथों में भी आ जाएगी...
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