Tuesday, 18 August 2009

एलियंस से संवाद

कई वैज्ञानिकों का ये दावा है कि एलियंस तरंगों की भाषा समझते हैं... और उनकी इसी समझ ने उन्हें तरंगों का पैग़ाम भेजने के लिए उत्साहित किया...नासा ने मशहूर बैंड बीटल्स का गीत आकाशगंगा में भेज दिया है। उद्देश्य ये है कि शायद हमारे सौरमंडल के बाहर कोई सुन ले और प्यार का ये तराना उसको पसंद आ जाये। ये गीत पोलर स्टार यानि ध्रुव तारे की तरफ भेजा गया। जहां उसे पंहुचने में 431 प्रकाश वर्ष लगेंगे।
4 फरवरी 1968 को बीटल्स ने अपना मशहूर गीत एक्रोस द यूनीवर्स को रिकार्ड किया। इसने दुनिया भर में धूम मचा दी। चालीस साल बाद इसी दिन नासा ने इस गीत को यूनिवर्स में भेज दिया....। इसकी गति करीब 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड होगी....। लेकिन इस गति से चलते हुए भी इसको 431 वर्ष लग जाएंगे....। यानि अगर ये मान भी लिया जाए कि ध्रुव तारे पर अगर कोई इस गीत को सुनेगा भी....तब तक धरती पर करीब 6 पीढ़ियां गुजर जाएंगी और अगर कोई सुनकर जवाब भी देगा....तो जवाब आने में इसका दोगुना यानि करीब 900 साल लग जाएंगे....। तो यह सबकुछ प्रकाश गति पर चलेगा...। जाहिर है इतने लंबे समय में कोई भी एलियन धरती पर जिंदा पहुंच सके....इसकी गुंजाईश बहुत कम है। लेकिन इन सबसे परे नासा फिलहाल इसे बड़ी उपलब्धि मानकर चल रहा है। पहले वो तरंगें एस्ट्रोनॉट्स के लिये भेजा करते थे। अब इसका उपयोग एलियंस के लिए भी किया गया है....तो ऐसे में अपनी धुन का उपयोग होने पर बीटल्स ग्रुप के पॉल मैकार्टनी भी इसे बडी उपलब्धि मान रहे हैं।

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